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ईरान को अपने परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी और इजरायली हमलों के बाद भी सीजफायर करना पड़ा

तेल अवीव
इजरायल ने 12 दिनों की जंग ईरान से लड़ी है। अंत में ईरान को अपने परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी और इजरायली हमलों के बाद भी सीजफायर करना पड़ा है। यही नहीं इजरायल का अब एक और दुश्मन घुटने टेकने की ओर है। यह दुश्मन है, गाजा में सक्रिय आतंकी संगठन हमास। ईरान की ओर से हमास को मदद मिलनी बंद हो गई है और दूसरी तरफ इजरायल के हमले लगातार जारी हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि हमास के पास कमांडरों की ही कमी हो गई है। बड़ी संख्या में हमास उग्रवादियों को इजरायल ने सुरंगों के अंदर छिपे रहने के दौरान ही मार डाला है। फिलहाल हमास को यह भरोसा नहीं है कि ईरान से मदद कब तक मिल पाएगी।

ऐसी स्थिति में हमास दम तोड़ता दिख रहा है। यही नहीं हमास के अंदर भी विद्रोह की स्थिति है और बड़े पैमाने पर लड़ाके छोड़ रहे हैं। दूसरी तरफ इजरायल की तरफ से सैन्य कार्ऱवाई जोरों पर है। हमास के करीबी तीन सूत्रों ने बताया कि लड़ाके अपने स्तर पर जंग लड़ रहे हैं। लेकिन इजरायल ने फिलिस्तीन ही तीन जनजातियों को हमारे खिलाफ खड़ा कर दिया है। इसके अलावा गाजा में सीजफायर को लेकर भी दबाव बन रहा है। हमास को भी जंग फिलहाल रोकने की जरूरत है। गाजा में मानवीय संकट भी पैदा हो गया है। ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय स्तर से हमास पर दबाव है कि वह जंग रोक दे।

हमास पर जंग रोकने का दबाव गाजा के स्थानीय लोग भी बना रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि यदि हमास जंग रोक दे तो फिर इजरायल भी नरम पड़ेगा और लोगों तक मदद पहुंचने लगेगी। एक वजह यह भी है कि गाजा में बड़े पैमाने पर सहायता सामग्री की लूट की जा रही है। इसमें कुछ ऐसे तत्व शामिल हैं, जिन पर कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है। फिलहाल बगावत को रोकने के लिए हमास ने अपने कुछ लड़ाकों को बागी नेता यासिर अबू शबाब को मारने के लिए भेजा है। लेकिन अब तक शबाब हमास के लड़ाकों की पहुंच से दूर ही रहा है। कहा जा रहा है कि वह राफा में कहीं छिपा है।

रॉयटर्स ने हमास से जुड़े कुछ लोगों, इजरायी सुरक्षा बलों समेत 16 लोगों से बात की है। इन लोगों का कहना है कि हमास कमजोर पड़ा है। इन लोगों का कहना है कि भले ही तमाम चुनौतियों के बाद भी हमास ने कब्जा बनाने की जंग जारी रखी है, लेकिन आतंरिक कलह से जूझ रहा है। हमास की ताकत बहुत सीमित इलाके में ही बची है। मंगलवार को ही उसने एक धमाका किया था, जिसमें 7 इजरायली सैनिक मारे गए थे। लेकिन मिडल ईस्ट के तीन राजनयिकों का कहना है कि ऐसी इक्का-दुक्का घटनाओं को छोड़ दें तो हमास काफी कमजोर हो गया है। इजरायली सेना के एक अधिकारी का कहना है कि हमास के 20 लड़ाके मारे गए हैं।

 

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