मध्य प्रदेश

वक़्फ सम्पत्तियों के डिजिटलाइजेशन में मध्यप्रदेश बन रहा मॉडल

भोपाल
वक़्फ सम्पत्तियों के डिजिटलाइजेशन के कार्य में देश में मध्यप्रदेश मॉडल बनकर उभर रहा है। प्रदेश में वक़्फ सम्पत्तियों के डिजिटलाइजेशन का कार्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा राजस्व विभाग के सहयोग से किया जा रहा है। प्रदेश की सभी 15003 वक़्फ सम्पत्तियों के डिजिटलाइजेशन का कार्य किया जा चुका है। पहले स्तर पर वक़्फ बोर्ड द्वारा डिजिटलाइजेशन के कार्य का वेरिफिकेशन कर लिया गया है। दूसरे स्तर पर राजस्व विभाग द्वारा जिला स्तर पर वेरिफिकेशन का कार्य किया जा रहा है। अब तक कुल डिजिटलाइजेशन सम्पत्तियों में से 2425 सम्पत्तियों का वेरिफिकेशन राजस्व विभाग द्वारा किया जा चुका है।

प्रदेश में सर्वाधिक वक़्फ सम्पत्तियों वाले 11 जिलों में कुल वक़्फ सम्पत्तियों और डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया का अवलोकन करने पर ज्ञात होता है कि उज्जैन, विदिशा, भोपाल, शाजापुर, सीहोर, रायसेन, इंदौर, धार, बुरहानपुर, देवास और मंदसौर जिलों की सभी वक़्फ सम्पत्तियों का डिजिटलाइजेशन किया जा चुका है। इनमें उज्जैन जिले की 1054, विदिशा जिले की 929, भोपाल जिले की 816, शाजापुर की 801, सीहोर की 699, रायसेन की 665, इंदौर की 645, धार की 638, बुरहानपुर की 573, देवास की 572 और मंदसौर जिले की 528 वक़्फ सम्पत्तियाँ शामिल हैं।

प्रधानमंत्री जन-विकास कार्यक्रम की सभी परियोजनाओं में कार्य प्रगति पर
मध्यप्रदेश में केन्द्र सरकार की अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास के लिये संचालित प्रधानमंत्री जन-विकास कार्यक्रम की सभी 7 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने बताया कि अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में प्रगतिरत परियोजनाओं में श्योपुर में 269 लाख लागत की सदभावना मण्डप परियोजना का कार्य 45 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है। इंदौर जिले में महू में 269 लाख रुपये लागत के सदभावना मण्डप का कार्य 70 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है। खरगौन में 269 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सदभावना मण्डप का कार्य 85 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है।

प्रधानमंत्री जन-विकास कार्यक्रम अंतर्गत श्योपुर जिले में 65 लाख रुपये से 8 आँगनवाड़ी के निर्माण का कार्य 80 प्रतिशत और इंदौर जिले के महू में 255 लाख रुपये लागत से बनने वाले 100 सीटर कन्या छात्रावास के निर्माण का कार्य 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। भोपाल में 316 करोड़ 96 लाख रुपये की लागत से गाँधी मेडिकल कॉलेज एवं संबद्ध हमीदिया अस्पताल के उन्नयन का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य एक तिहाई से अधिक पूरा भी हो चुका है।

 

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