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मध्य प्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष कौन होगा? जुलाई में हो जाएगी घोषणा, रेस में कई चौंकाने वाले नाम

भोपाल
मध्य प्रदेश में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त हो गया है। एक साल से अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर माथापच्ची चल रही है। वीडी शर्मा का कार्यकाल पिछले साल फरवरी में पूरा हो गया था। पार्टी अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति का इंतजार नहीं कर रही है। बल्कि, वह पहले उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और तेलंगाना सहित पांच राज्यों के राज्य प्रमुखों की नियुक्ति करेगी। राज्य BJP के सूत्रों का कहना है कि राज्य BJP अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद ही पार्टी राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा करेगी।

राजेंद्र शुक्ला के नाम की भी चर्चा

वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। जुलाई के पहले सप्ताह में नाम की घोषणा हो सकती है। इस रेस में कई नाम हैं। पूर्व सीएम और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को डेप्युटी सीएम राजेंद्र शुक्ला से उनके आवास पर मुलाकात की, जिसके बाद अटकलें लगाई जा रही है। शुक्ला पांच के बार के विधायक हैं और प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल हो सकते हैं। राजेंद्र शुक्ला को चौहान का करीबी सहयोगी माना जाता है और उन्होंने दो दशकों तक कैबिनेट मंत्री के रूप में काम करते हुए खनन, ऊर्जा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभागों को संभाला।

पूर्व मंत्री ने कहा कि ‘हमारी पद्धति में विचार विमर्श के बाद जो भी निर्णय होगा। उस निर्णय के पीछे हम लोग लगातार साथ में खड़े रहते हैं। अध्यक्ष पद के लिए मेरा कोई विचार नहीं है ना कोई विषय है। हम तो पार्टी के विचार के सिपाही हैं। हम विचारधारा के साथ खड़े रहने वाले लोग हैं। मेरी ना ही कोई इच्छा है ना ही कोई चाह है।’

अरविंद भदौरिया ने आगे कहा कि ‘संगठन मुझे जब-जब जिम्मेदारी देता रहा है। उस जिम्मेदारी को पूर्ण रूम से निभाने से वाला व्यक्ति हूं। मैं प्रदेश का मंत्री रहा, संगठन महामंत्री, उपाध्यक्ष रहा। संगठन ने मुझे जो कुछ दिया मैं संगठन का हमेशा ऋणी रहूंगा। पार्टी ने हम जैसे छोटे कार्यकर्ता को हर दायित्व पर रखा। पार्टी जो निर्णय करेगी, हम उसी के साथ खड़े रहेंगे।’

इनके नाम की भी चर्चा

हालांकि, मुख्यमंत्री मोहन यादव की पसंद, बैतूल के पूर्व सांसद और तीन बार के विधायक रहे हेमंत खंडेलवाल हैं। वह बीजेपी के संस्थापक सदस्य विजय खंडेलवाल के बेटे हैं। विजय खंडेलवाल ने 1996 से 2004 तक संसद में बैतूल लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। उनके निधन के बाद पार्टी ने उनके बेटे हेमंत खंडेलवाल को उपचुनाव में उतारा। खंडेलवाल जूनियर उपचुनाव जीते, लेकिन 2008 में परिसीमन के बाद बैतूल लोकसभा सीट को एससी आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र बना दिया गया।

ये लोग भी हैं प्रबल दावेदार

हेमंत खंडेलवाल इसके बाद बैतूल विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने लगे। वे लो प्रोफाइल रहते हैं और आरएसएस से भी उन्हें मान्यता प्राप्त है। इस दौड़ में शामिल अन्य लोगों में भाजपा के दो शक्तिशाली पदाधिकारी शामिल हैं जो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी करीबी हैं, वे हैं भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, जो वर्तमान में शहरी प्रशासन मंत्री हैं और पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा। दोनों हाई-प्रोफाइल नेताओं ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने की इच्छा जताई है।

शाह को कैलाश पर विश्वास

2015 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अमित शाह ने कैलाश विजयवर्गीय को पश्चिम बंगाल में पार्टी की स्थापना के लिए भेजा था। 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के गढ़ में भाजपा ने तीन सीटें जीती थीं। 2021 तक यह संख्या 77 हो गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने पश्चिम बंगाल में 18 सीटें जीतीं। 2023 के विधानसभा चुनाव में विजयवर्गीय राज्य की राजनीति में वापस आ गए।

नरोत्तम मिश्रा रह चुके हैं राज्य में गृह मंत्री

वहीं, जब अमित शाह को केंद्रीय गृह मंत्री बनाया गया था, तब नरोत्तम मिश्रा राज्य के गृह मंत्री थे। दो दशकों तक मिश्रा स्वास्थ्य, जल संसाधन, गृह विधायी मामलों जैसे विभागों के साथ कैबिनेट मंत्री रहे। हालांकि, वे 2023 के विधानसभा चुनाव में दतिया सीट से कांग्रेस के राजेंद्र भारती से हार गए।

जुलाई में मिल सकता है नया अध्यक्ष 

मध्य प्रदेश में पहली बार बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष चुनने में इतना समय लगाया है. क्योंकि जनवरी और फरवरी तक ही नया अध्यक्ष मिलने की चर्चा सियासी गलियारों में चल रही थी. राजनीतिक जानकारों का तो यहां तक कहना है कि पार्टी में अंदरखाने चर्चा भी शुरू हो गई थी. लेकिन बीजेपी के सियासी मुद्दों में यह मामला फंस गया था. बताया जा रहा है कि अब जुलाई में बीजेपी नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर सकती है. क्योंकि बीजेपी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी होना है, जिसके लिए बीजेपी की गाइडलाइन के हिसाब से पार्टी को 10 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष चुनने हैं, जिनमें मध्य प्रदेश भी शामिल हैं. माना जा रहा है कि एमपी में भी अब नए अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है.

ये हैं अटकलें

15 अप्रैल को अमित शाह के राज्य दौरे के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लंच का आयोजन किया था। नरोत्तम मिश्रा को बातचीत करते हुए देखा गया, जिससे यह चर्चा फैल गई कि मिश्रा को राज्य भाजपा प्रमुख का पद दिया जा सकता है।

वीडी शर्मा रहे हैं सफल प्रदेश अध्यक्ष

वहीं, वीडी शर्मा एक सफल राज्य भाजपा प्रमुख रहे हैं, जिन्होंने पार्टी को कुल 230 में से 163 सीटों के साथ विधानसभा चुनाव जीता है। खासकर तब जब कमल नाथ जैसे दिग्गज चुनावी मैदान में कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे थे। वे पहले राज्य अध्यक्ष भी हैं, जिनके संगठनात्मक नेतृत्व में भाजपा ने 2024 के संसदीय चुनावों में सभी 29 लोकसभा सीटें जीतीं। उनके मजबूत रिकॉर्ड के बावजूद पार्टी ने उन्हें बताया है कि वे अब दूसरे कार्यकाल की दौड़ में नहीं हैं।

राज्य भाजपा के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा कि अब पार्टी की नीति है कि किसी ऐसे व्यक्ति को दोबारा न चुना जाए जिसने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया हो।

जातिगत फैक्टर का भी हो सकता रोल

प्रदेश अध्यक्ष के चयन में जातिगत समीकरण का भी ख्याल रखा जा सकता है। ऐसे में पार्टी के राष्ट्रीय एससी मोर्चा के प्रमुख लाल सिंह आर्य नए चेहरे हो सकते हैं। लेकिन पार्टी पहले ही जगदीश देवड़ा को उपमुख्यमंत्री और सांसद वीरेंद्र खटीक को केंद्र सरकार में मंत्री बना चुकी है। इसलिए, एससी पृष्ठभूमि वाले किसी प्रदेश अध्यक्ष की संभावना कम ही है। अगर अनुसूचित जनजाति समुदाय के किसी सदस्य पर विचार किया जाता है, तो सबसे संभावित उम्मीदवार खरगोन निर्वाचन क्षेत्र से सांसद गजेंद्र पटेल होंगे। संभावना यह भी है कि कोई डार्क हॉर्स उभर सकता है जैसा कि 11 दिसंबर, 2023 को हुआ था, जब मोहन यादव को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में घोषित किया गया था।

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