भारत को AI महाशक्ति बनाने की दिशा में EPSI राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

भोपाल, 4 अप्रैल। शिक्षा प्रोत्साहन समिति (EPSI) द्वारा आज होटल रेडिसन, भोपाल में “वैश्विक एआई दौड़ और भारत को वैश्विक एआई नेता बनाने में उच्च शिक्षा संस्थानों की भूमिका” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य भारत को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व दिलाने की दिशा में ठोस रणनीति बनाना और शिक्षा व नवाचार के क्षेत्र में संस्थानों की भूमिका को सशक्त बनाना रहा।
सम्मेलन की शुरुआत AICTE के चेयरमैन डॉ. टी. जी. सीताराम के प्रेरणादायक उद्घाटन भाषण से हुई। इस मौके पर उनकी पुस्तक “द रोड अहेड 2.0” का पुनः विमोचन भी किया गया। दो विशेष पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं:
1. “AI इन हायर एजुकेशन: शिक्षण, अनुसंधान और करियर विकास में बदलाव”
2. “AI अनुसंधान और नवाचार: भारत को वैश्विक AI शक्ति बनाना”
इसके साथ ही एक विशेष ‘फायर्साइड चैट’ भी आयोजित की गई जिसमें डॉ. सीताराम और पुस्तक के सह-लेखकों के बीच संवाद हुआ।इस सम्मेलन का उद्देश्य था शिक्षा और उद्योग जगत के बीच की खाई को पाटना, और ऐसे साझेदारी मॉडल तैयार करना जो भारत में AI उत्कृष्टता को बढ़ावा दें। प्रतिभागियों ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को अनुसंधान, नवाचार और कुशल प्रतिभा के केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सकता है।
EPSI के अध्यक्ष और रामय्या विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. एम. आर. जयराम ने कहा, “उच्च शिक्षा संस्थानों की भूमिका भारत की AI यात्रा में निर्णायक है। यह सम्मेलन हमारे संस्थानों को शोध व प्रतिभा विकास में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
लिंक्डइन इंडिया की पब्लिक सेक्टर प्रमुख सुश्री सबा करीम ने भी सम्मेलन को संबोधित करते हुए भविष्य की बदलती जरूरतों के अनुसार कौशल विकास पर बल दिया। उन्होंने बताया कि कैसे लिंक्डइन शिक्षा संस्थानों और सरकारों के साथ मिलकर डेटा-संचालित समाधान प्रदान कर रहा है, ताकि युवाओं को नई आर्थिक संभावनाओं से जोड़ा जा सके।
मुख्य अतिथि डॉ. टी. जी. सीताराम ने AI के माध्यम से शिक्षा और अर्थव्यवस्था के भविष्य को आकार देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि AICTE देशभर के संस्थानों के साथ मिलकर ऐसे पाठ्यक्रम विकसित कर रहा है जो छात्रों को उभरते एआई-आधारित उद्योगों की मांगों के अनुरूप तैयार करें।