बिहार-झारखण्‍डराज्य

किशनगंज में सरकारी हॉस्टल में फूड पॉइजनिंग से हड़कंप, हलुआ खाने के बाद 18 छात्राएं बीमार

पटना 
बिहार के किशनगंज सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत महेश बथना स्थित पिछड़ा वर्ग कन्या प्लस-2 आवासीय उच्च विद्यालय के हॉस्टल में शुक्रवार रात उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब खाने के कुछ ही देर बाद दर्जनों छात्राओं की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। रात के भोजन में परोसे गए हलुए को खाने के बाद छात्राओं को उल्टी, दस्त और चक्कर आने की शिकायत शुरू हुई, जिससे पूरे हॉस्टल में चीख-पुकार मच गई।

अचानक बिगड़ी तबीयत, मच गया हड़कंप
छात्राओं के अनुसार, भोजन के बाद जैसे ही हलुआ परोसा गया, उसे खाने के 20 से 30 मिनट के भीतर कई छात्राओं को तेज उल्टियां होने लगीं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कुछ छात्राएं बेहोश भी हो गईं। घटना की सूचना मिलते ही स्कूल प्रबंधन ने एंबुलेंस की व्यवस्था कर सभी बीमार छात्राओं को किशनगंज सदर अस्पताल पहुंचाया।

18 छात्राएं अस्पताल में भर्ती, दो की हालत गंभीर
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, इस घटना में कुल 18 छात्राएं फूड पॉइजनिंग की शिकार हुई हैं। इनमें से दो छात्राओं की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जिन्हें डॉक्टरों की विशेष निगरानी में रखा गया है। सभी छात्राएं बिहार के अलग-अलग जिलों से हैं और सरकारी योजना के तहत हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही हैं।

डॉक्टरों ने की फूड पॉइजनिंग की पुष्टि
सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने प्रारंभिक जांच के बाद इसे स्पष्ट रूप से फूड पॉइजनिंग का मामला बताया है। डॉक्टरों का कहना है कि हलुए में इस्तेमाल की गई सामग्री दूषित हो सकती है या फिर भोजन तैयार करने में लापरवाही बरती गई होगी।
 
स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप
घटना के कई घंटे बीत जाने के बावजूद न तो विद्यालय के प्राचार्य और न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी अस्पताल पहुंचा। कुछ शिक्षकों ने कैमरे के सामने घटना की जानकारी से अनभिज्ञता जताई, जिससे स्कूल प्रबंधन की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है। इस घटना ने सरकारी आवासीय विद्यालयों में खानपान की गुणवत्ता और सुरक्षा व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।

SDM ने अस्पताल पहुंचकर लिया हाल, जांच के आदेश
घटना की गंभीरता को देखते हुए किशनगंज के एसडीएम अनिकेत कुमार सदर अस्पताल पहुंचे और बीमार छात्राओं की स्थिति की जानकारी ली। प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। फिलहाल सभी छात्राओं का इलाज जारी है और अस्पताल प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है।

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