ब्राह्मण की बेटी का विवाद: IAS संतोष वर्मा को पद से हटाया, सीएम मोहन यादव ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव”

भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार IAS अफसर और अजाक्स (AJAKS) के प्रदेश अध्यक्ष संतोष वर्मा के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने जा रही है. अशोभनीय और विवादित बयानों के चलते IAS को नौकरी से बर्खास्त करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है, जिसके बाद वर्मा को उनके पद से हटाकर बिना काम के GAD (सामान्य प्रशासन विभाग) में अटैच कर दिया गया है.
यह कार्रवाई IAS वर्मा के 23 नवंबर को भोपाल में AJAKS के स्टेट लेवल कन्वेंशन में यह कहने के बाद हुई है, "जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान नहीं कर देता और वह उससे रिश्ता नहीं बना लेता, तब तक उसे (बेटे को) रिजर्वेशन मिलना चाहिए."
उनके बयान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया, जिससे ब्राह्मण समुदाय में गुस्सा फैल गया. IAS वर्मा के बयान के बाद, न केवल राज्य में बल्कि पूरे देश में उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही थी.
एक जज के खिलाफ रची साजिश
वर्मा हाल के महीनों में कई विवादों के केंद्र में रहे हैं. इंदौर की अदालतों से मिली रिपोर्टों से पता चलता है कि उसने कथित तौर पर एक घरेलू मामले में बरी होने के लिए मनगढ़ंत फैसले तैयार करने के लिए एक न्यायाधीश के साथ साजिश रची, जिससे आईएएस पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त हो सके. सूत्रों के अनुसार, वर्मा ने विभागीय पदोन्नति समिति के माध्यम से पदोन्नति के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए न्यायिक रिकॉर्ड में हेरफेर किया.
जालसाजी के आरोपों के अलावा, वर्मा को सार्वजनिक मंचों पर अपने भड़काऊ बयानों के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा है. एक वायरल वीडियो में उन्हें भड़काऊ बयान देते हुए सुना गया, जिसकी सामुदायिक संगठनों और न्यायपालिका ने कड़ी आलोचना की. सरकार ने इन टिप्पणियों को ‘गंभीर दुर्व्यवहार; और सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन करार दिया, जिससे अनुशासनात्मक कार्रवाई का मामला और मजबूत हो गया.
IAS संतोष वर्मा ने दिया था विवादित बयान
23 नवंबर, 2025 को भोपाल में M.P. अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (AJJAKS) के एक कन्वेंशन के दौरान संतोष वर्मा ने कहा था, “रिजर्वेशन तब तक जारी रहना चाहिए जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को न दे दे, या (उसका) उसके साथ रिश्ता न हो जाए”. इस बात की कई ब्राह्मण संगठनों और कम्युनिटी के नेताओं ने बहुत बुराई की, और इसे “अभद्र, जातिवादी और
ब्राह्मण बेटियों का बहुत अपमान करने वाला” कहा.
मुख्यमंत्री के निर्देश का अनुपालन करते हुए, कृषि विभाग ने वर्मा को कृषि विभाग में उप सचिव के पद से हटा दिया है. उन्हें बिना किसी विभागीय कार्यभार या कार्य के जीएडी पूल से जोड़ दिया गया है, जिससे वे प्रभावी रूप से प्रशासनिक जिम्मेदारियों से अलग हो गए हैं. केंद्र को बर्खास्तगी की सिफारिश करके और विभागीय आरोप लगाकर, राज्य ने संकेत दिया है कि धोखाधड़ीपूर्ण पदोन्नति और कदाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अब अंतिम निर्णय केंद्र सरकार पर निर्भर करता है, जो वर्मा को आईएएस से हटाने के प्रस्ताव पर कार्रवाई करेगी.











