राज्यहरियाणा

पंजाब के अस्पतालों पर नई सख्ती: अब बकाया बिल होने पर भी मरीजों को नहीं रोका जाएगा

चंडीगढ़ 
पंजाब में अब निजी या सरकारी अस्पताल बकाया बिल के कारण किसी भी शव को परिजनों को सौंपने से इनकार नहीं कर सकेंगे। साथ ही, अज्ञात शव को 72 घंटे से अधिक समय तक अस्पताल में रखने की भी अनुमति नहीं होगी। पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग को विशेष निर्देश जारी करते हुए कहा है कि पंजाब में मृतकों की गरिमा से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि मृतक से संबंधित कोई बकाया राशि होती भी है, तो अस्पताल बाद में कानूनी तरीके से बिल की वसूली कर सकता है, लेकिन शव को बिना देरी किए परिजनों को सौंपना अनिवार्य होगा। बिल का भुगतान न करने की स्थिति में परिजनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। मानवाधिकार आयोग ने अस्पतालों में मरीजों के बेड की संख्या को ध्यान में रखते हुए शवों की संभाल से संबंधित विशेष प्रोटोकॉल भी तय किए हैं। आयोग के संज्ञान में फगवाड़ा अस्पताल का एक मामला भी आया था, जहां शवों को कूड़ा ले जाने वाले वाहन में ले जाया गया था।

सभी अस्पतालों को करनी होगी मॉर्चरी वैन की व्यवस्था
आयोग के सदस्य जतिंदर सिंह शंटी ने सभी अस्पतालों को मॉर्चरी वैन (शव वाहन) की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, अस्पतालों और अन्य स्थानों पर मॉर्चरी वैन से जुड़े संपर्क नंबर और नि:शुल्क अंतिम संस्कार योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराना भी अनिवार्य होगा। इस जानकारी में मॉर्चरी वैन चालकों के संपर्क नंबर और लावारिस शवों के प्रबंधन के लिए हेल्पडेस्क नंबर शामिल होंगे। आयोग ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि जब अस्पताल में कोई लावारिस शव होता है, तो उसकी पहचान कराने के नाम पर अस्पताल और पुलिस उसे लंबे समय तक मॉर्चरी में रख देते हैं। अब भविष्य में ऐसा नहीं किया जाएगा। कोई भी अस्पताल 72 घंटे से अधिक समय तक लावारिस शव नहीं रख सकेगा। ऐसे लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए मॉर्चरी वैन नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। वहीं जिन परिवारों के पास अंतिम संस्कार की व्यवस्था नहीं है, उनकी सहायता अस्पताल द्वारा की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ध्यान में रखते हुए अस्पताल इस जिम्मेदारी से इनकार नहीं कर सकेंगे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button