उत्तर प्रदेशराज्य

योगी की अपील: घुसपैठियों की पहचान के लिए जनता से सहयोग की मांगी अपील, कहा प्रदेश की सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी

लखनऊ 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणियों का हवाला देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश में किसी भी रूप में अवैध घुसपैठ स्वीकार नहीं की जाएगी। सीएम योगी ने जोर देकर कहा कि राज्य के संसाधनों पर पहला और एकमात्र अधिकार यहां के मूल नागरिकों का है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई अब एक अनिवार्यता बन गई है। सुरक्षा और सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए सरकार इसे अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानती है।

रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की पहचान के लिए अभियान

सीएम योगी ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया गया है। सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए सभी नगर निकायों को निर्देश जारी किए हैं। निकायों को अपने क्षेत्रों में संदिग्ध विदेशी नागरिकों की सूची तैयार करने को कहा गया है, ताकि वास्तविक स्थिति का पता चल सके।
ड्रोन और सैटेलाइट से होगी निगरानी

अवैध कब्जों और सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सार्वजनिक संस्थानों और जमीनों पर अनधिकृत कब्जों को हटाने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। इसके लिए ड्रोन, मल्टीसेन्सर तकनीक और सैटेलाइट सर्वेक्षण का उपयोग किया जा रहा है। इस हाई-टेक निगरानी से घुसपैठियों और अवैध कब्जों की सटीक जानकारी मिल सकेगी।
हर मंडल में बनेंगे डिटेंशन सेंटर

सरकार ने चिन्हित घुसपैठियों के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। सीएम योगी के अनुसार, पहचान किए गए अवैध नागरिकों को डिटेंशन केंद्रों में भेजा जा रहा है। इस प्रक्रिया को व्यवस्थित रूप देने के लिए प्रदेश के हर मंडल में डिटेंशन सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि अवैध नागरिकों को समाज से अलग रखा जा सके और नियमानुसार कार्रवाई हो।
नागरिकों से सत्यापन की अपील

मुख्यमंत्री ने सुरक्षा को सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए प्रदेश के नागरिकों से भी सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी को काम पर रखने या किराए पर मकान देने से पहले उसकी पहचान का सत्यापन अवश्य करे।

सरकार का यह कदम न केवल आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी है कि जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ केवल पात्र भारतीय नागरिकों को ही मिले।

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